Mahabharat Quotes In Hindi और Mahabharat Motivational Quotes In Hindi को अगर आप ढूंढ रहे है तो इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आये है एक बढ़िया एक Mahabharat Hindi Quotes जो आपको बेहद काम आएंगे।
दोस्तों आपके लिए लेकर आये हैं Famous Mahabharata Quotes In Hindi और Mahabharat Suvichar के बारें में जरूर पढ़ना चाहिए कुछ बेहतरीन कोट्स आपके दिल को छू जायेंगे तो चलिए शुरू करते हैं।
Mahabharat Quotes In Hindi
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए
प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।
अशांत को सुख कैसे हो सकता है.
सुखी रहने के लिए शान्ति बहुत जरुरी है.
अपनी दृष्टि सरल रखो, कुटिल नहीं. सत्य बोलो,
असत्य नहीं. दूरदर्शी बनो, अल्पदर्शी नहीं.
परम तत्व को देखने का प्रयास करो, क्षुद्र वस्तुओं को नहीं.
लज्जा नारी का अमूल्य रत्न है।
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है
यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर
लगातार चिंतन करे।
जो मन को नियंत्रित नहीं करते
उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
नारी वह धुरी है,
जिसके चारों ओर परिवार घूमता है.
पुरुषार्थ नहीं करते वे धन, मित्र, ऐश्वर्य,
उत्तम कुल तथा दुर्लभ
लक्ष्मी का उपयोग नहीं कर सकते।
जहाँ सब लोग नेता बनने के इच्छुक हों,
जहाँ सब सम्मान चाहते हों और पंडित बनते हों,
jahan सभी महत्वाकांक्षी हों,
वह समुदाय पतित और नष्ट हुए बिना नहीं रह सकता।
जिसने पहले तुम्हारा उपकार किया हो,
वह यदि बड़ा अपराध करे तो भी उनके
उपकार की याद करके उसका अपराध क्षमा दो.
किसी और का काम
पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि
अपना काम करें,
भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।
Mahabharat Motivational Quotes In Hindi
एक बुरा आदमी उतना ही प्रसन्न होता है
जितना कि एक अच्छा आदमी दूसरों
के बीमार बोलने से व्यथित होता है।
ये इन्द्रियाँ ही स्वर्ग और नरक है।
इनको वश में रखना स्वर्ग
और स्वतंत्र छोड़ देना नर्क है।
संसार में वही मनुष्य प्रशंसा के योग्य है,
वही उत्तम है, वही सत्पुरुष और वही धनी है,
जिसके यहाँ से याचक या शरणागत निराश न लौटे.
किसी के प्रति मन मे क्रोध रखने की अपेक्षा
उसे तत्काल प्रकट कर देना
अधिक अच्छा है, जैसे पल मे जल जाना
देर तक सुलगने से अच्छा है।
Mahabharat Best Quotes In Hindi
लोग आपके अपमान के बारे में
हमेशा बात करेंगे
सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान
मृत्यु से भी बदतर है।
जिसे सत्य पर विश्वास होता है,
और जो अपने संकल्प पर दृढ होता है,
उसका सदैव कल्याण होता रहता है।
जिस परिवार व राष्ट्र में स्त्रियों का सम्मान नहीं होता,
वह पतन व विनाश के गर्त में लीन हो जाता है.
महाभारत, शरणागत की रक्षा करना
बहुत ही पुनीत कर्म है,
ऐसा करने से पापी के भी
पाप का प्रायश्चित हो जाता है।
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
मोह मे फंसकर अधर्म का प्रतिकार न करने
के कारण ही महाभारत जैसे युध्द
से महान जन-धन की हानि हुई।
जो कार्य में निष्क्रियता और
निष्क्रियता में कार्य देखता है
वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।
एकमात्र विद्या ही
परम तृप्ति देने वाली है.
Mahabharat Quotes Hindi
नारी प्रकृति की बेटी है, उस पर क्रोध मत करो,
उसका हृदय कोमल है, उस पर विश्वास करो.
अहंकार मानव का और मानव समाज का
इतना बङा शत्रु है, जो सम्पुर्ण मानव जाति के
कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है।
महाभारत,
लोभ धर्म का नाशक है।
जुआ खेलना अत्यंत निष्कृष्ट कर्म है.
यह मनुष्य को समाज से गिरा देता है.
सदाचार से धर्म उत्पन्न होता है तथा
धर्म से आयु बढ़ती है।
व्यक्ति को अभिमान नहीं करना चाहिए
नहीं तो दुर्योधन जैसा हाल होगा.
परिवर्तन इस संसार का अटल नियम है,
और सब को इसे स्वीकारना ही पड़ता है;
क्योकी कोई इसे बदल नही सकता।
Mahabharat Hindi Quotes
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है
जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
स्वार्थ की अनुकूलता और प्रतिकूलता से ही
मित्र और शत्रु बना करते हैं।
बुरे कर्मों का बुरा
परिणाम निकलता है.
मनुष्य जीवन की सफलता इसी में है
कि वह उपकारी के उपकार को कभी न भूले।
उसके उपकार से बढ़कर
उस उपकारी व्यक्ति का उपकार कर दे।
चतुर मित्र सबसे श्रेष्ठ
व मार्ग-प्रदर्शक होता है.
अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए.
उनके बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए.
उनके दिए उपदेशों का आचरण करना चाहिए.
विपत्ति के आने पर अपनी रक्षा के लिए
व्यक्ति को अपने पड़ोसी शत्रु
से भी मेल कर लेना चाहिए।
आत्म -ज्ञान की तलवार से काटकर
अपने ह्रदय से
अज्ञान के संदेह को अलग कर दो।
अनुशाषित रहो, उठो।
बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए
बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।
जो मनुष्य अपने माता-पिता
की सेवा पुरे सद्भाव से करते है,
उनकी ख्याति इस लोक मे ही
नही बल्कि परलोक मे भी होती है।
जैसे तेल समाप्त हो जाने पर
दीपक बुझ जाता है,
उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर
भाग्य भी नष्ट हो जाता है।
बैर के कारण उत्पन होने वाली आग
एक पक्ष को स्वाहा किए
बिना कभी शांत नहीं होती।
Famous Mahabharata Quotes In Hindi
जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है
वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।
द्वैष से सदैव दूर रहें.
बड़े से बड़ा शूरवीर भी अगर अधर्म और
अन्याय का साथ देता है तो धर्म के
आगे उसे अन्ततः झुकना ही पड़ता है।
जुआ खेलना अत्यंत निष्कृष्ट कर्म है।
यह मनुष्य को समाज से गिरा देता है।
सभी को भ्रातृभाव
से रहना चाहिए.
अपनी निंदा सहने की शक्ति रखने
वाला व्यक्ति मानों विश्व पर विजय पा लेता है।
जैसे सूखी लकड़ी के साथ मिली
होने पर गीली लकड़ी भी जल जाती है,
उसी प्रकार दुष्ट- दुराचारियों के
साथ सम्पर्क में रहने पर सज्जन भी दुःख भोगते है।
महाभारत, सो कर नींद जीतने का प्रयास न करें।
कामोपयोग के द्वारा स्त्री को जीतने की इच्छा न करें।
दो प्रकार के व्यक्ति संसार में स्वर्ग के भी ऊपर स्थिति होते हैं-
एक तो जो शक्तिशाली होकर क्षमा करता है
और दूसरा जो दरिद्र होकर भी कुछ दान करता रहता है.
कर्म करते जाओ,
फल की चिंता मत करो.
Mahabharat Lines In Hindi
इस जीवन में ना कुछ खोता है,
ना व्यर्थ होता है।
जिस राजा की प्रजा हमेशा कर के भार से पीड़ित रहे,
प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह-तरह के
अनर्थ झेलने पड़ते हैं,
उस राजा की हमेशा पराजय होती है.
महाभारत, एक मनुष्य को अपनी मातृभूमि
सर्वोपरि रखनी चाहिए
और हर परिस्थत मे उसकी रक्षा करनी चाहिए।
जो विपत्ति पड़ने पर कभी दुखी नहीं होता,
बल्कि सावधानी के साथ
उद्यम का आश्रय लेता है
तथा समय आने पर दुख भी सह लेता है,
उसके शत्रु पराजित ही हैं।
उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है,
ना कभी था ना कभी होगा
जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे
कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।
झूठे पर विश्वास और विश्वस्त पर
भी विश्वास सहसा नहीं करना चाहिए.
मनुष्य का पराक्रम
उसके सब अनर्थ दूर कर देता है।
निर्माण केवल पहले से मौजूद
चीजों का प्रक्षेपण है।
जहां लुटेरो के चंगुल मे फंस जाने पर
झूठी शपथ खाने से छुटकारा मिलता हो,
वहां झूठ बोलना ही ठीक है।
ऐसे मे उसे ही सत्य समझना चाहिए।
मन, वचन और कर्म से प्राणी मात्र के साथ अद्रोह,
सब पर कृपा और दान यही
साधु पुरूषों का सनातन धर्म है.
यदि पानी पीते – पीते उसकी बूंद मुंह से निकलकर
भोजन में गिर पड़े तो वह खाने योग्य नहीं रहता।
पीने से बचा हुआ पानी पुन: पीने के योग्य नहीं होता।
विषयों के भोगों से विषय वासना की शांति नहीं होती,
हवन से बढती हुई अग्नि के समान यह
काम वासना नित्य बढती ही जाती है.
Mahabharat Suvichar
सच्चा धर्म यह है कि जिन बातों को इन्सान
अपने लिए अच्छा नहीं समझता दूसरों के लिए भी न करे.
प्रिय वस्तु प्राप्त होने पर भी तृष्णा तृप्त नहीं होती,
वह ओर भी भड़कती है जैसे ईधन डालने से अग्नि।
जिस राजा की प्रजा हमेशा, कर के भार से पीड़ित रहे,
प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह -तरह के अनर्थ झेलने पड़ते हैं,
उस राजा की हमेशा पराजय होती है।
विधि के विधान के आगे कोई नही टिक सकता ।
एक पुरुर्षाथी को भी वक्त के साथ
मिट कर इतिहास बन जाना पड़ता है।
अपनी प्रभुता के लिए चाहे
जितने उपाय किए जाएं
परन्तु परिश्रम के बिना
संसार में सब फीका है।
दूसरों से घृणा करने वाले, दूसरों से ईर्ष्या करने वाले,
असंतोषी, क्रोध, सभी बातों में शंका करने वाले
और दूसरे के धन से जीविका निर्वाह
करने वाले ये छहों सदा दुखी रहते हैं.
अगर परमेश्वर से कुछ माँगना है तो सिर्फ
उनके प्रति निश्चल भक्ति माँगो।
जिसके आ जाने मात्र से ही संसार
का समस्त वैभव तुम्हारे पास रहेगा।
संसार में ऐसा कोई नहीं हुआ है
जो मनुष्य की आशाओं का पेट भर सके।
पुरुष की आशा समुद्र के
समान है, वह कभी भरती ही नहीं।
किसी का सहारा लिए बिना
कोई ऊंचा नहीं चढ़ सकता,
अत: सबको किसी प्रधान
आश्रय का सहारा लेना चाहिए।
परोपकार सबसे बड़ा पुण्य और परपीड़ा
यानि दूसरों को कष्ट देना सबसे बड़ा पाप है.
मैं सभी प्राणियों को सामान रूप से देखता हूँ
ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधिक.
लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना
करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं
और मैं उनके जीवन में आता हूँ।
Mahabharat Motivational Quotes In Hindi
वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है,
“मैं ” और “मेरा ” की
लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है
उसे ही शांती प्राप्त होती है।
तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नहीं हैं,
और फिर भी ज्ञान की बाते करते हो.
बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत
व्यक्ति के लिए शोक करते हैं।
जो वेद और शास्त्र के ग्रंथों को
याद रखने में तत्पर है
किन्तु उनके यथार्थ तत्व को नहीं समझता,
उसका वह याद रखना व्यर्थ है।
जो मनुष्य अपनी निंदा सह लेता है,
उसने मानो सारे जगत
पर विजय प्राप्त कर ली।
मधुर शब्दों में कही हुई बात अनेक प्रकार से
कल्याण करती है,
किंतु यही यदि कटु शब्दों में कही जाए तो महान
अनर्थ का कारण बन जाती है।
Mahabharat Dialogue In Hindi
प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में
दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान
में रखना चाहिए।
अपात्र को धन देना
और सुपात्र को धन न देना।
केवल मन ही
किसी का मित्र और शत्रु होता है।
विजय की इच्छा रखने वाले शूरवीर
अपने बल और पराक्रम से वैसा विजय प्राप्त नही करते
जैसा कि सत्य, सज्जनता,
धर्म तथा उत्साह से प्राप्त करते हैं।
विद्या, शूरवीरता, दक्षता, बल और धैर्य,
ये पांच मनुष्य के स्वाभाविक मित्र हैं।
बुद्धिमान लोग हमेशा इनके साथ रहते हैं।
दुखों में जिसका मन उदास नहीं होता,
सुखों में जिसकी
आसक्ति नहीं होती तथा जो राग, भय व क्रोध
से रहित होता है, वही स्थितिप्रज्ञ है।
जैसे बिना नाविक की नाव जहाँ
कहीं भी जल में बह जाती है
और बिना सारथी का रथ चाहे
जहाँ भटक जाता है
उसी प्रकार सेनापति बिना
सेना जहाँ चाहे भाग सकती है।
मन, वचन और कर्म के द्वारा
मनुष्य के साथ अद्रोह,
सब पर कृपा और साधु पुरूषों को दान
यही सनातन धर्म है।
ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की
अपेक्षा कर रहे
अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को
अस्थिर नहीं करना चाहिए।
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना.
इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक
वास करने के पश्चात
एक असफल योगी का पुन : एक पवित्र और
समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
Motivational Quotes In Hindi By Lord Krishna
जो मनुष्य नाश होने वाले सब प्राणियों में
सम भाव से रहने वाले
अविनाशी परमेश्वर को देखता है,
वही सत्य को देखता है।
राजधर्म एक नौका के समान है, यह नौका
धर्म रूपी समुद्र में स्थित है।
सतगुण ही नौका का संचालन करने वाला बल है,
धर्मशास्त्र ही उसे बांधने वाली रस्सी है।
मुझे आशा है की आपको Mahabharat Quotes In Hindi पोस्ट पसंद आयी होगी। हम आपके लिए इसी तरह को बढ़िया बढ़िया कंटेंट लेकर आते रहते है तो बने रहिये हमारे साथ। निचे कुछ पोस्ट का लिंक दिया गया है जो आपको बेहद पसंद आएँगी। तो अपने कीमती समय में से थोड़ा टाइम निकल कर उन्हें जरूर पड़ें। धन्यवाद